SKMU UG SEMESTER-2(2024-28) ECONOMICS UNIT 1 Complete Notes with Important Questions

UG SEMESTER-2(2024-28)
ECONOMICS(MJ-2)
UNIT :-1(NOTES)
UNIT-I: National Income Accounting (राष्ट्रीय आय लेखांकन)
✦National Income Accounting (राष्ट्रीय आय लेखांकन) –
राष्ट्रीय आय लेखांकन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी देश की कुल आर्थिक गतिविधियों को संख्यात्मक रूप में दर्शाया जाता है। इसमें एक देश की समस्त वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत का लेखा-जोखा होता है। यह लेखांकन GDP, NDP, GNP, और NNP जैसे प्रमुख सूचकों के माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रीय आय लेखांकन न केवल देश की आर्थिक प्रगति को मापने में सहायक होता है बल्कि नीति निर्धारण, बजट निर्माण और विकास योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे सरकार को यह जानकारी मिलती है कि देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में बढ़ रही है।
1. Concept of National Income (राष्ट्रीय आय की संकल्पना) :
राष्ट्रीय आय का तात्पर्य देश में एक निश्चित समयावधि (आमतौर पर एक वर्ष) के भीतर उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य से होता है। यह आय केवल उन्हीं वस्तुओं एवं सेवाओं को सम्मिलित करती है जो अंतिम उपयोग के लिए होती हैं और किसी भी मध्यवर्ती वस्तु को इससे बाहर रखा जाता है ताकि दोहराव से बचा जा सके।
राष्ट्रीय आय की प्रमुख अवधारणाएँ निम्नलिखित हैं:
1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP): देश की सीमाओं के भीतर एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।
2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP): GDP में विदेशी स्रोतों से प्राप्त शुद्ध आय को जोड़ने के बाद प्राप्त कुल राशि।
3. शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP): GDP में से पूंजी की घिसावट (Depreciation) घटाने पर प्राप्त राशि।
4. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP): GNP से पूंजी की घिसावट घटाने पर प्राप्त राशि।
राष्ट्रीय आय के आंकड़ों का उपयोग सरकार, योजना आयोग, शोध संस्थान और अन्य नीति निर्धारण संस्थानों द्वारा आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने हेतु किया जाता है।
2. Measurement of National Income (राष्ट्रीय आय का मापन) :राष्ट्रीय आय को मापने के तीन प्रमुख तरीके होते हैं:
1. उत्पादन विधि (Production Method): इस विधि में सभी क्षेत्रों – कृषि, उद्योग, सेवा आदि में एक निश्चित अवधि में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को जोड़ा जाता है। इससे GDP प्राप्त होती है।
2. आय विधि (Income Method): इस विधि में विभिन्न उत्पादन इकाइयों द्वारा अर्जित आय जैसे मजदूरी, किराया, ब्याज, लाभ आदि को जोड़ा जाता है। यह विधि बताती है कि लोगों को आय के रूप में कितना पैसा प्राप्त हुआ।
3. व्यय विधि (Expenditure Method): इसमें यह देखा जाता है कि उपभोक्ताओं, सरकार और व्यवसायों द्वारा कितनी राशि वस्तुओं और सेवाओं पर व्यय की गई। इसमें उपभोग व्यय, निवेश व्यय, सरकारी व्यय और शुद्ध निर्यात (निर्यात - आयात) को सम्मिलित किया जाता है।
तीनों विधियाँ सैद्धांतिक रूप से समान परिणाम देती हैं, परंतु व्यावहारिक रूप में आंकड़ों में अंतर हो सकता है। इन तरीकों से प्राप्त जानकारी सरकार की नीतियों और योजनाओं के निर्धारण में सहायक होती है।
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